List of Folk Dances in India in Hindi (भारत के प्रमुख लोक नृत्य)

आज के इस पोस्ट में हम भारत के विभिन्न राज्यों में किए जाने वाले लोक नृत्यों के बारे में जानेंगे।भारत एक विशाल देश है जिसमें विभिन्न प्रकार की धर्म जाति के लोग निवास करते हैं। इन सभी धर्म जाति के लोगों के अलग-अलग प्रकार के कार्यक्रम होते हैं जिनमें अलग-अलग प्रकार के लोक नृत्य का प्रदर्शन किया जाता है।


इस लेख में हम भारत में लोक नृत्यों की सूची हिंदी में साझा कर रहे हैं। उन उम्मीदवारों के लिए जो विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, भारत में लोक नृत्यों पर ये प्रश्न बहुत उपयोगी हैं।

These questions are always asked in General Knowledge, in today's article, which are the folk dances of the state of India? We will come to know about these important questions are really helpful for all competitive exams like Banking, SSC, Railway, Insurance, UPSC and so on.

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राज्य/केंद्र शासित प्रदेश

लोक नृत्य

आंध्रप्रदेश

कुचिपुड़ी, वीरानाट्यम, बुट्टा बोम्मलू (Butta Bommalu), भामकल्पम ( Bhamakalpam), दप्पू (Dappu), तपेता गुल्लू (Tappeta Gullu,), लम्बाडी (Lambadi,), धीमसा (Dhimsa), कोलट्टम (Kolattam)

असम

बीहू, बीछुआ, नटपूजा, महारास, कालिगोपाल, बागुरुम्बा, नागा नृत्य, खेल गोपाल, कानोई, झूमूरा होबजानाई।

बिहार

जाटजातिन (Jat-Jatin), पनवारिया, बिदेसिया, कजारी।

गुजरात

गरबा, डांडिया रास, टिप्पनी जुरुन, भावई।

हरियाणा

झूमर, फाग, डाफ, धमाल, लूर, गुग्गा, खोर, जागोर।

हिमाचल प्रदेश

झोरा, झाली, छारही, धामन, छापेली, महासू, नटी, डांगी। 

जम्मू और कश्मीर

रऊफ, हीकत, मंदजात, कूद डांडी नाच। 

कर्नाटक

यक्षगान, हुट्टारी, सुग्गी, कुनीथा, करगा, लाम्बी। 

केरल

कथकली (शास्त्रीय), मोहिनीअट्टम, कूरावारकली (Kuravarkali)   

महाराष्ट्र

लावणी, डिंडी (Dindi), काला (Kala), दहीकला दसावतार।   

ओडीशा

गोतिपुआ (Gotipua), छाउ, घुमूरा (Ghumura), रानाप्पा (Ranappa), संबलपुरी नृत्य।

पश्चिम बंगाल

लाठी, गंभीरा, ढाली, जतरा, बाउल, छाऊ, संथाली डांस।

पंजाब 

भांगड़ा, गिद्दा, दफ्फ, धामल (Dhamal), दंकारा (Dankara)

राजस्थान

घूमर, गणगौर, झूलन लीला, कालबेलिया, छारी (Chari)   

तमिलनाडु

भरतनाट्यम, कुमी, कोलट्टम, कवाडी अट्टम।

उत्तर प्रदेश

नौटंकी, रासलीला, कजरी, चाप्पेली। 

उत्तराखंड

भोटिया नृत्य (Bhotia Dance), चमफुली  (Chamfuli)और छोलिया (Chholia).

गोवा

 देक्खनी, फुग्दी, शिग्मो, घोडे, जगोर, गोंफ, टोन्या मेल (Tonyamel )  

मध्यप्रदेश

जवारा, मटकी, अडा, खाड़ा नाच, फूलपति, ग्रिदा नृत्य, सालेलार्की, सेलाभडोनी, मंच।  

छत्तीसगढ़

गौर मारिया, पैंथी, राउत नाच, पंडवाणी, वेडामती, कपालिक, भारथरी चरित्र, चंदनानी।

झारखंड

झूमर, जनानी झूमर, मर्दाना झूमर, पैका, फगुआ, मुंदारी नृत्य, सरहुल, बाराओ, झीटका, डांगा, डोमचक, घोरा नाच।  

अरुणाचल प्रदेश

बुईया, छालो, वांचो, पासी कोंगकी, पोनुंग, पोपीर, बारडो छाम।  

मणिपुर

डोल चोलम, थांग टा, लाई हाराओबा, पुंग चोलोम, खांबा थाईबी, नूपा नृत्य, रासलीला।  

मेघालय

शाद सुक मिनसेइम, शाद नॉन्गरेम, लाहो।  

मिजोरम

छेरव नृत्य, खुल्लम, चैलम, च्वांगलाईज्वान, जंगतालम, सरलामकई/ सोलाकिया, तलंगलम।         

नगालैंड

रेंगमा ( Rengma), बांस नृत्य चंगी नृत्य (Changai Dance), आलूयट्टू (Aaluyattu) 

त्रिपुरा

होजागिरी, गारिया, झूम। 

सिक्किम

सिंघी छाम (Singhi Chaam) और याक छाम, तमांग सेलो (Tamang Selo)  मारूनी नाच।

लक्ष्यद्वीप  

लावा, कोलकाली (Kolkali), परीचाकली (Parichakali)  



भारत विविधता से परिपूर्ण अनेकता में एकता समेटे हुए एक महान देश है. भारत की अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के कारण विश्व में एक अलग हीं पहचान है. भारतीय लोकनृत्य, लोकगीत, शास्त्रीय संगीत, नृत्य, परंपरायें, त्यौहार, परंपरागत पहनावे, व्यंजन, इत्यादि हमारी संस्कृति की विशिष्ट पहचान हैं. नृत्यों की बात करें तो भारत में, नृत्यों को मुख्य रूप से दो श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है 
  • शास्त्रीय नृत्य और
  • लोक नृत्य 

शास्त्रीय नृत्य और लोकनृत्य के बीच अंतर -

हालाँकि इन दोनों हीं नृत्य रूपों की उत्पत्ति भारतीय स्थानीय परंपरानुसार भारत के विभिन्न हिस्सों में हुई है. लेकिन इन दोनों नृत्यों के रूपों में काफी अंतर है. शास्त्रीय नृत्य और लोकनृत्य के बीच में प्रमुख अंतर यह है कि
  • शास्त्रीय नृत्य का सम्बन्ध नाट्य शस्त्र (भरत मुनि द्वारा रचित) से है. नाट्य शस्त्र में प्रत्येक शास्त्रीय नृत्य से सम्बंधित विशेषताओं का वर्णन किया गया है.
  • लोकनृत्य सम्बंधित राज्य या भौगोलिक क्षेत्र की स्थानीय परम्पराओं के परिणामस्वरूप अस्तित्व में आये.
भारत के लोक नृत्य
  • भारत के लोक नृत्य अपनी उत्पत्ति के क्षेत्र में बसे समुदायों की संस्कृति और परंपरा का प्रतिनिधित्व करते हैं. लोक नृत्य आमतौर पर संबंधित समुदाय के उत्सव- बच्चे के जन्म, त्योहारों, शादियों, फसल रोपनी या कटाई, ऋतुओं के बदलने आदि के अवसर पर किए जाते हैं. जैसे वर्षा ऋतु में कजरी, होली के त्यौहार पर फाग या फगुआ तो बच्चे के जन्म पर सोहर नृत्य.    
  • लोक नृत्य आम जनता द्वारा किये जाते हैं. लोक नृत्य के लिए उन्हें किसी औपचारिक प्रशिक्षण की आवश्यकता नहीं होती. ये नृत्य सहज और भावना से उत्पन्न होते हैं. लोकनृत्यों में निहित यह सादगी हीं इस कला को एक अंतर्निहित सुंदरता प्रदान करती है. हालाँकि ये नृत्य एक निश्चित संप्रदाय या किसी विशेष इलाके तक हीं सीमित रह जाते हैं. लोक नृत्य को पीढ़ी दर पीढ़ी अपने विशेष संप्रदाय के बीच हीं आगे बढ़ाया जाता है.
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