नमस्कार दोस्तों, इस पोस्ट में आपको भारतीय संविधान के विभिन्न प्रावधानों (Sources of Indianstitution In Hindi) के बारे में पूरी जानकारी देने जा रहे हैं, जो विभिन्न देशों के संविधान से लिए गए हैं।
भारत के संविधान में विभिन्न देशों से विभिन्न प्रावधानों का को लिया गया है और किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में इस टॉपिक से बहुत सारे प्रश्न पूछे जाते हैं, तो इस पूरी पोस्ट को ध्यान से जरूर से पढ़े, जिससे आपको पूरी जानकारी मिल सके |
संविधान का मसौदा तैयार करने वालों को अन्य राष्ट्रों के अनुभवों से सीखने में कोई झिझक नहीं थी, इसलिए भारतीय संविधान में विभिन्न विशेषताएं हैं जो अन्य राष्ट्रों से उधार ली गई हैं। ब्रिटिश संविधान से संसदीय प्रणाली और कानून का शासन, स्वतंत्र न्यायपालिका और न्यायिक समीक्षा, अमेरिकी संविधान से मौलिक अधिकार, कनाडा के संविधान से केंद्र के साथ अवशिष्ट शक्तियों को निहित करके एक मजबूत केंद्र के साथ संघ आदि कुछ उधार लिए गए प्रावधानों के उदाहरण हैं।
संविधान के स्रोत (Sources Of The Constitution) से संबंधित इस लेख में हम विभिन्न देशों से भारतीय संविधान में शामिल किये गए प्रावधानों को विस्तार से जानेंगे। यह लेख यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की दृष्टिकोण से भारतीय राजव्यवस्था से संबंधित एक महत्पूर्ण टॉपिक है। इसलिए अभ्यर्थियों को इस लेख को अच्छी तरह से पढ़ना चाहिए।
भारतीय संविधान के स्रोतों की सूची - List of sources of Indian Constitution
नीचे उन विदेशी स्रोतों की सूची दी गई है जहां से भारतीय संविधान की कुछ विशेषताएं उधार ली गई हैं:
स्रोत |
ली गयी विशेषताएं |
भारत सरकार अधिनियम 1935 |
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उद्देश्य
संकल्प |
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ब्रिटिश संविधान |
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अमेरिकी संविधान |
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आयरिश संविधान |
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कनाडा का संविधान |
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जर्मनी का संविधान |
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ऑस्ट्रेलियाई
संविधान |
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रुसी संविधान |
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फ्रांस संविधान |
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दक्षिण अफ्रीका का संविधान |
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जापान का संविधान |
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भारत के संविधान की बुनियादी विशेषताएं
- भारतीय संविधान एक बड़ा लिखित दस्तावेज है और इसे उधार संविधान के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि इसमें शामिल प्रावधानों को बड़ी संख्या में विदेशी स्रोतों से लिया गया है।
- भारतीय संविधान अपनी विरासत राष्ट्रीय आंदोलनों से प्राप्त करता है।
- यह जनता द्वारा चुने गए लोगों द्वारा बनाया गया था। इसलिए यह विश्वसनीयता प्रदान करता है।
- अंतिम दस्तावेज स्वतंत्र भारत की व्यापक राष्ट्रीय सहमति को दर्शाता है।
- भारतीय संविधान के लिए एक जनमत संग्रह (मतदान) कभी नहीं किया गया था, लेकिन लोगों ने इसके प्रावधानों का पालन करके इसे अपनाया।
- संविधान का मसौदा तैयार करने में काफी समय लगा।
हम आशा करते हैं कि इस लेख के माध्यम से आपको संविधान के स्रोतों के बारे में सारी जानकारी मिल गई होगी। आपके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाओं के साथ, एचएम आशा करते हैं कि यह लेख आपकी आगामी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा।
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