सरयू नहर परियोजना (Saryu Canal Project) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 दिसंबर 2021 को उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में 9,802 करोड़ रुपये की सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना का उद्घाटन करेंगे. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 09 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बलरामपुर दौरे से पहले तैयारियों का जायजा लिया और अधिकारियों के साथ बैठक की।
बताया जा रहा है कि सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना से 14 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि सिंचित होगी. बहराइच को गोरखपुर से जोड़ने वाले नौ जिलों को इस परियोजना से लाभ होगा। इससे करीब साढ़े 14 लाख हेक्टेयर की सिंचाई की जा सकेगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले 40 साल से ठप पड़ा यह प्रोजेक्ट पिछले करीब 5 साल में पूरा हुआ है.
इस परियोजना की शुरुआत
राज्य के जल शक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह ने कहा कि इस परियोजना पर काम 1978 में शुरू हुआ था लेकिन पिछली सरकारों ने इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया. उन्होंने कहा कि यह परियोजना अब प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से पूरी हुई है.
सरयू नहर परियोजना की विशेषता क्या है ?
- सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना छह हजार 623 किमी लंबी है। सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना उत्तर प्रदेश के नौ जिलों की पांच नदियों को जोड़ती है। इसमें सरयू को घाघरा और राप्ती को सरयू जोड़ा गया है। इसके साथ ही रोहिन नदी को बाणगंगा और बाण गंगा को राप्ती से जोड़ा गया है।
- नदियों को आपस में जोड़ने से लोग बाढ़ जैसी आपदाओं से भी बचेंगे। साथ ही नहर में सिंचाई के लिए पानी छोड़ा जा सकता है। सरयू नहर में घाघरा, राप्ती, सरयू, बाण गंगा और रोहिणी जैसी पांच नदियों को जोड़कर पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है।
- सरयू नहर परियोजना के निर्माण से अनेक लाभ होंगे। एक तरफ जहां किसानों को खेतों में सिंचाई के लिए मुफ्त पानी की सुविधा मिलेगी, वहीं दूसरी तरफ बाढ़ की त्रासदी भी कम होगी. नदियों के पानी को नहरों में बदलने से बाढ़ का असर कम होगा।
- इस परियोजना से 6200 से अधिक गांवों के लगभग 29 लाख किसान लाभान्वित होंगे। इतना ही नहीं, पूर्वी यूपी के 9 जिले- बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, सिद्धार्थनगर, बस्ती, संत कबीर नगर, गोरखपुर और महराजगंज लाभान्वित होंगे.
- प्रधानमंत्री कार्यालय के बयान में कहा गया है कि सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना 9800 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाई गई है. इसमें से 4600 करोड़ रुपये का प्रावधान पिछले 4 साल में किया गया था.
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