लोक नृत्य किसे कहते हैं ?
राज्य |
लोक
नृत्य |
राजस्थान |
कठपुतली नृत्य, चाकरी,
तेरहताली, घूमर, पनिहारी, सुईसिनी, भवई |
झारखंड |
पाइका, छऊ |
पश्चिम बंगाल |
जात्रा, कीर्तन |
उत्तर प्रदेश |
कजरी, झोरा, रासलीला,
नौटंकी, चरकुला |
हरियाणा |
धमाल, मंजीरा, खेड़ा,
झूमर, फाग, लूर |
कर्नाटक |
यक्षगान, करगा, लाम्बी,
विरगास्ते |
उत्तराखंड |
गढ़वाली, कुमाऊनी,
रासलीला |
जम्मू कश्मीर |
राउफ, दमाली, कूद दांडी
नाच |
नागालैंड |
चोंग, खेवा, बांस नृत्य |
गुजरात |
गरबा, डांडिया, भवई |
अरुणाचल प्रदेश |
युद्धनृत्य, मुखौटा
नृत्य |
गोवा |
दकनी, मांडी, खोल,
झाकोर |
पंजाब |
गिद्दा (महिलाओं द्वारा),
भांगड़ा, किकली |
असम |
बिहू, कली गोपाल, खेल
गोपाल, सत्रीया (शास्त्रीय), बिछुआ, नागा नृत्य |
हिमाचल प्रदेश |
छपेली, डंडा नाव |
महाराष्ट्र |
तमाशा, कोली, लावणी,
नकटा |
ओडिशा |
ओडिशी (शास्त्रीय),
सवारी |
आंध्र प्रदेश |
कुचीपुड़ी (शास्त्रीय),
घंटामरदाला |
मेघालय |
लाहो, बाघला |
मणिपुर |
मणिपुरी(शास्त्रीय),
राखाल |
छतीसगढ़ |
गाड़ी, नाचा, गौर मारिया,
सरहुल, पंडवानी |
तमिल नाडु |
भरतनाट्यम (शास्त्रीय
नृत्य) |
मध्य प्रदेश |
करमा नृत्य, भगोरिया
नृत्य, राई नृत्य, गौर नृत्य, सैला |
बिहार |
विदेशिया, जट जटनी |
केरल |
कथकली (शास्त्रीय नृत्य),
मोहिनीअट्टम (शास्त्रीय नृत्य), पादयानी |
लद्दाख |
शोंडोल, जब्रो |
त्रिपुरा |
लेबांग बूमनी नृत्य |
लोक नृत्य की विशेषताएं
- लोक नृत्य एक विशेष क्षेत्र और समुदाय से जुड़े होते हैं।
- लोक नृत्य संस्कृति को व्यक्त करते हैं।
- लोक नृत्य कोई भी सामान्य व्यक्ति और कोई भी पेशेवर या कुलीन वर्ग द्वारा किया जा सकता है।
- लोक नृत्य करने के लिए कोई विशेष नियम नहीं हैं।
- लोकनृत्य को किसी संगठन या किसी वर्ग द्वारा नियंत्रित नहीं किया जा सकता है, इसे करने की सभी को स्वतंत्रता है।
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